लेखनी प्रतियोगिता -07-Nov-2022 अतीत में छिपे राज
शीर्षक :- अतीत में छिपे राज
सुहानी की शादी को आज दश दिन होगये थे परन्तु नवीन ने आजतक उससे बात ही नही की थी। वह अपना यह दुःख किसे सुनाती क्यौकि उसका मायका भी केवल नाम का मायका था।
सुहानी की मम्मी की मौत तो तब होगयी थी जब वह केवल दश वर्ष की थी। उसको केवल दादी प्यार करती थी।क्यौकि उसकी मम्मी की मौत के दो महीने के बाद ही उसके पापा ने अपने आफिस में काम करने वाली प्रिया से शादी करली थी।
सुहानी की तकदीर कुछ ज्यादा ही खराब थी क्यौकि जब वह बारहवी क्लास में पढ़ रही थी उसी सभय उसकी दादी की भी मौत होगयी। अब सुहानी उस घर में बिल्कुल अकेली रह गयी। उसके पापा तो प्रिया के गुलाम होचुके थे। बैक के खातौ पर भी प्रिया का ही पहरा था।
दादी के मौत के बाद उसका स्कूल भी छूट गया था क्योंकि वह आज तक केवल दादी के कारण ही स्कूल जारही थी। सुहानी पर दुःखौ का पूरा पहाड़ ही टूट पडा़ था।
अब प्रिया उसके हाथ पीले करके घर से बाहर करना चाहती थी और प्रिया एक दिन आशुतोष से बोली," आशू सुहानी की शादी करदो नहीं तो वह एक दिन तुम्हारी इज्जत को बेचकर किसी के साथ भाग जायेगी "
आशुतोष बोला," प्रिया तुम कैसी बात करती हो। सुहानी पर बेकार के इल्जाम क्यौ लगारही हो।"
कोई बात नही मेरा फर्ज था वह मेंने पूरा कर दिया बाद मे ं मुझे दोष मत देना। "
इसके बाद आशुतोष ने जल्दी ही उसके लिए नवीन को पसन्द कर लिया और बहुत ही जल्दी उसकी शादी करके अपने ड्यूटी पूरी करली।
नवीन पहले से ही किसी दूसरी लड़की रेशमा से प्यार करता था लेकिन घर वालौ के डर के कारण उसने शादी तो करली परन्तु वह से बातही नही करता था।
सुहानी आज बहुत दुःखी होरही थी और वह यह बात अपनी सास को बताना चाहती थी परन्तु लाज शर्म के कारण चुप रह जाती थी
आज वह अलमारी में कुछ ढूढ़रही थी उसी समय उसके हाथ एक डायरी लग गयी जिसको पढ़कर सुहानी को बहुत आश्चर्य हुआ क्यौकि उस डायरी ने नवीन के अतीत के छिपे हुए राज खोल दिये।
उस डायरी में नवीन का लिखा रेशमा के लिए एक खत रखा था मै अपने मम्मी पापा से बगावत नहीं करसकता हूँऔर न घर छोड़कर भाग सकता हूँ तुम्है तो मालूम ही है कि पापा हार्ट अटैक के मरीज है। तुम मेरी शादी होगयी है इस बात की चिन्ता मत करना मै तुम्है भूलकर इसे अपना लूँगा ऐसा कभी नहीं होगा। मै इसको इतना परेशान करूँगा कि वह पहले तो आत्महत्या करने को मजबूर हो जायेगी नहीं तो तलाक मांगलेगी।
रेशमा तुम सब समझती हो कुछ दिन की ही तो बात है । आने वाले सन्डे को तुम स्टेशन पर मिलना। मै यह खत तुम्हारी सहेली को दूँगा वह तुम तक पहुँचादेगी। मै फौन पर भी बात नही करपाता हूँ क्यौकि तुम्हारा फौन तो तुम्हारी मम्मी के पास रहता है। तुम किसी तरह बहाना करके जरूर आना। मै दस बजे तक पहुँच जाऊँगा।
उस डायरी मे रेशमा के भेजे हुए भी खत मिले जिनमे उसने नवीन को घर से भागने के लिए लिखा था। और लिखा था कि मेरे घर वालौने भी मेरे लिए एक लड़का पसन्द कर रखा है और वह जल्दी ही मुझे पसन्द करने आने वाला है।
यह सब पढ़कर सुहानी के पैरौ तले की जमीन खिसकती नजर आयी। अब वह यह खत व डायरी लेकर अपनी सास के पास गयी। उसकी सासु यह सब देखकर परेशान होगयी। अपने बेटे के अतीत के कारनामे जानकर उसे बहुत क्रोध आरहा था परन्तु वह जानती थी कि ऊसका पति हार्ट के मरीज है।
इसलिए उन्होने शाम को नवीन के बापिस इने पर वह सब उसके सिमने रखकर पूछा कि यह क्या है ? तुझे यह लिखते शर्म नही आई। उसकी माँ बोली," जा निकलजा मेरे घर से मै सुहानी की शादी कहीं और जगह कर दूँगी यह आज से मेरी बेटी है इसने कितना धैर्य रखा है जो तेरी शिकायत नही की है। मै कल ही वकील बुलाकर तलाक के पेपर तैयार करवाती हूँ। तू मुझे यहाँ दिखाई नही देना चाहीए यह सब शादी से पहले बताता। "
अब नवीन का सारा प्यार का भूत उतर गया। वह अपनी मम्मी के पैरौ मे गिरकर माँफी माँगने लगा और सुहानी को पत्नी का दर्जा देने की कसम खाने लगा।
आज सुहानी उसके अतीत के सभी राज खोलकर उसे सही राह पर ले आई अब उसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था क्यौकि वह अपने पापा को नही खोना चाहता था।
इस तरह एक परिवार बरवाद होने से बच गया।
आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
07/11/2022
Punam verma
08-Nov-2022 09:23 AM
Nice
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Abhinav ji
08-Nov-2022 08:49 AM
Very nice👍
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Mithi . S
07-Nov-2022 06:59 PM
Nice post
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